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मलाकी 2:16 क्योंकि इस्राएल का परमेश्वर यहोवा यह कहता है, “मैं स्त्री–त्याग से घृणा करता हूँ, और उस से भी जो अपने वस्त्र को उपद्रव से ढाँपता है। इसलिये तुम अपनी आत्मा के विषय में चौकस रहो और विश्वासघात मत करो, सेनाओं के यहोवा का यही वचन है।”
तलाक एक ऐसा विषय है जिस पर हम समय-समय पर बात करते रहते हैं। क्योंकि दुख की बात है कि यह पूरे विश्व में विवाह, जीवन और परिवारों को अलग कर रहा है, जिसके विनाशकारी परिणाम होते हैं।
मेरे एक मित्र अपने अनुभव को बताते हुए कहते हैं की जब उनकी पत्नी ने उन्हें तलाक दिया, जो वे नहीं चाहते थे तो वे कितने दुखी हुए। इस दुखदायी अनुभव के कुछ साल बाद परमेश्वर उनके जीवन में एक और महिला को लाया जो आज उनकी पत्नी हैं और जिनके साथ वे कई वर्षों से सुखी जीवन व्यतीत कर रहें हैं।
अक्सर जो चीज पति या पत्नी को तलाक की ओर ले जाती है, वह यह विचार है कि उन्होंने गलत व्यक्ति से शादी कर ली है; कि वे कभी भी एक-दूसरे के लिए उपयुक्त नहीं होंगे।
लेकिन एक मनोवैज्ञानिक, फिलिपा पेरी ने हाल ही में एक अखबार के लेख में लिखा: एक अच्छा रिश्ता इससे नहीं बनाता है कि आप “सही” व्यक्ति को ढूंढ लेते हैं। कोई भी किसी के लिए “सही” नहीं है। दरअसल जो चीज किसी को सही बनाती है वह है किए गए वादों को निभाना। क्योंकि जब आप किसी को जानने के लिए प्रतिबद्ध होते हैं, तो आप उनके साथ और उनके लिए बदलते जाते हैं, जैसे “दीवार में लगे पत्थरों को तब तक रगड़ा जाता है जब तक वे एक दूसरे के साथ सही नहीं बैठते “। तो “सही” व्यक्ति को खोजने का काम एक रिश्ते में होता है, न कि तुरंत “हाँ” कहने के निर्णय में।”
बुद्धिमानी के शब्द। और परमेश्वर के दृष्टिकोण से, यह इस तरह दिखता है:
मलाकी 2:16 क्योंकि इस्राएल का परमेश्वर यहोवा यह कहता है, “मैं स्त्री–त्याग से घृणा करता हूँ, और उस से भी जो अपने वस्त्र को उपद्रव से ढाँपता है। इसलिये तुम अपनी आत्मा के विषय में चौकस रहो और विश्वासघात मत करो, सेनाओं के यहोवा का यही वचन है।”
जब कोई इस निष्कर्ष पर पहुंचता है कि उसका जीवनसाथी उसके लिए “सही” नहीं है, तो वे बाड़ के दूसरी तरफ देखने लगते हैं। और इस कहावत को तो आप जानते हैं कि, दूसरी तरफ की घास हमेशा हरी लगती है।
कोई भी कभी भी किसी के लिए “सही” नहीं होता है। सही होने के लिए तक तक एक साथ रगड़ें जब तक आप एक दूसरे में फिट ना बैठे। पतियों, पत्नियों, अपनी आध्यात्मिक एकता की रक्षा करें।
यह परमेश्वर का ताज़ा वचन है। आज …आपके लिए…।