... helping you be all that God made you to be, because He plans on shining His light into this world through you.

Berni - ceo, Christianityworks

आइए इसे वास्तविक रूप से मनाएं ।

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यूहन्ना 3 :19 -21 दोषी ठहराने का कारण यह है कि ज्‍योति संसार में आयी है और मनुष्‍यों ने ज्‍योति की अपेक्षा अन्‍धकार को अधिक पसन्‍द किया, क्‍योंकि उनके कार्य बुरे थे। 20जो बुराई करता है, वह ज्‍योति से बैर करता है और ज्‍योति के पास इसलिए नहीं आता कि कहीं उसके कार्यों के दोष प्रकट न हो जाएँ। 21किन्‍तु जो सत्‍य पर चलता है, वह ज्‍योति के पास आता है, जिससे यह प्रकट हो कि उसके कार्य परमेश्‍वर में किए गए हैं।”

क्रिसमस आने ही वाला है और यह एक शानदार उत्सव है। दुनिया के उद्धारकर्ता प्रभु यीशु का आगमन कुछ ऐसा है जो निश्चित रूप से जश्न मनाने लायक है। लेकिन कुछ लोगों के लिए यह एक खोखला उत्सव होगा।

यीशु दुनिया की निंदा करने के लिए नहीं बल्कि उसे बचाने के लिए आए थे। परमेश्वर के अद्भुत प्रेम के कारण अपने जीवन को अर्पित कर के, मेरे और आपके पापों की कीमत चुकाने के लिए। कैसा अविश्वसनीय प्रेम!

लेकिन कुछ लोग जो इस तथ्य को मुहँ से तो स्वीकारते हैं।  जो कहते हैं कि “बिल्कुल, मुझे विश्वास है”, जो “मसीही ” होने का दावा करते हैं, उन्होंने अपना जीवन पूरी तरह से यीशु को समर्पित नहीं किया है। पानी अर्थात पश्चाताप और आत्मा (नये जीवन का आरंभ ) दोनों के साथ उनका नया जन्म नहीं हुआ है।

और ऐसा करते हुए, उन्होंने परमेश्वर के प्रेम को अस्वीकार कर दिया है। और इस अस्वीकृति का एक गंभीर परिणाम होता है। यहाँ लिखा है:

यूहन्ना 3 :19 -21  1दोषी ठहराने का कारण यह है कि ज्‍योति संसार में आयी है और मनुष्‍यों ने ज्‍योति की अपेक्षा अन्‍धकार को अधिक पसन्‍द किया, क्‍योंकि उनके कार्य बुरे थे। 20जो बुराई करता है, वह ज्‍योति से बैर करता है और ज्‍योति के पास इसलिए नहीं आता कि कहीं उसके कार्यों के दोष प्रकट न हो जाएँ। 21किन्‍तु जो सत्‍य पर चलता है, वह ज्‍योति के पास आता है, जिससे यह प्रकट हो कि उसके कार्य परमेश्‍वर में किए गए हैं।”

हम कह सकते हैं कि हम यीशु में विश्वास करते हैं, लेकिन फिर भी अब तक हमारा “नया जन्म” नहीं हुआ है। हम अपने आप को “मसीही ” कह सकते हैं और फिर भी अपने जीवन को परमेश्वर के खिलाफ विद्रोह में जीते हैं। यीशु के माध्यम से हमारे प्रति परमेश्वर के महान प्रेम को खुले तौर पर अस्वीकार करते हैं।

जब तक आप नया जन्म नहीं लेते, आप परमेश्वर के राज्य में प्रवेश नहीं कर सकते। जब तक आप पानी अर्थात पश्चाताप और आत्मा अर्थात नए जीवन में पैदा नहीं होते, तब तक आप परमेश्वर के राज्य में प्रवेश नहीं कर सकते। क्रिसमस अवश्य मनाएं, लेकिन आइए, इस साल,इसे वास्तविक रूप से मनाते हैं।

यह परमेश्वर का ताज़ा वचन है। आज …आपके लिए.।