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परमेश्वर किसको बचाता है

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भजन संहिता 37:39,40 धर्मियों की मुक्‍ति यहोवा की ओर से होती है; संकट के समय वह उनका दृढ़ गढ़ है। 40यहोवा उनकी सहायता करके उनको बचाता है; वह उनको दुष्‍टों से छुड़ाकर उनका उद्धार करता है, इसलिये कि उन्होंने उसमें शरण ली है।

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परमेश्वर किसको बचाता है


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जब आप अपने आप को मुसीबत में पाते हैं, जो निश्चित रूप से समय-समय पर होता है, तो आप कितने आश्वस्त हैं, शून्य से दस के पैमाने पर, कि प्रभु आपको बचाने के लिए आपकी सहायता करेंगे? और आपने खुद को यह अंक क्यों दिया?

यह एक परेशान करने वाला सवाल हो सकता है, है ना? मैं गहरे संकट में हूँ, बड़ी परेशानी में हूँ और मुझे कोई रास्ता नहीं सूझ रहा है। इतना ही नहीं, चीजें बद से बदतर होती जा रही हैं। मुझे इस झंझट से बाहर निकालने के लिए परमेश्वर किस बिंदु पर कदम उठायेंगे? क्या वह मेरी सहायता के लिए आएंगे?

इसका जवाब है, यह निर्भर करता है। यह वास्तव में, बहुत कुछ आप पर निर्भर करता है।

भजन संहिता 37:39,40 धर्मियों की मुक्‍ति यहोवा की ओर से होती है; संकट के समय वह उनका दृढ़ गढ़ है। 40यहोवा उनकी सहायता करके उनको बचाता है; वह उनको दुष्‍टों से छुड़ाकर उनका उद्धार करता है, इसलिये कि उन्होंने उसमें शरण ली है।

आप या मैं चाहे इसे स्वीकार ना करना चाहें, लेकिन कभी-कभी हम खुद को इसलिए मुसीबत में पाते हैं क्योंकि, ईमानदारी से कहें, तो गलती हमारी होती है।

और अगर ऐसा है तो हम इस अहसास से निराश हो सकते हैं कि यह हमारी गलती है, और हमें इसकी सज़ा मिल रही है।  और परमेश्वर हमारी मदद के लिए कभी नहीं आएंगे।

बेशक, किसी भी अच्छे पिता की तरह, वह हमारी गलतियों से हमें सीखने देता है क्योंकि हम इसी तरह सीखते हैं। लेकिन वह हमें किसी भी अच्छे पिता से भी ज्यादा प्यार करता है।

धर्मियों की मुक्‍ति यहोवा की ओर से होती है; संकट के समय वह उनका दृढ़ गढ़ है।

40यहोवा उनकी सहायता करके उनको बचाता है; वह उनको दुष्‍टों से छुड़ाकर उनका उद्धार करता है, इसलिये कि उन्होंने उसमें शरण ली है।

अच्छाई का रास्ता करना शुरू करने में कभी देर नहीं होती।

यह परमेश्वर का ताज़ा वचन है। आज …आपके लिए..।